कन्नौज : स.वि.मं.इ.कॉ.तिर्वा में मनाई गई वंदनीय सरस्वती ताई आप्टे जी की पुण्यतिथि

द्वितीय आपात काल में प. पू. बालासाब की 60 वी वर्षगाठ उन्होंने येरवडा कारागृह में मनायी। सुहागिन महिलायें और वैदिक ब्राह्मणों को साथ लेकर उनको आशीर्वचन दिये, आरती उतारी, मिठाई बाटी। उन्होंने कारागार प्रमुख को बताया कि हमारे भाई का जन्मदिन है। हमें वह मनाना ही है अपने स्नेहिल व्यक्तित्व से उनको अनुमति सहज प्राप्त हुई। गोवा मुक्ति संग्राम में सम्मिलित होने के लिए भी आप बहुत उत्सुक थी, परंतु पिछाडी का महत्त्वपूर्ण दायित्व संभालने को कहा गया। वह आपने कुशलता से निभाया। नगर कार्यवाहिका से क्रमशः प्रदेश कार्य वाहिका, अ. भा. कार्यवाहिका और अंत में प्रमुख संचालिका का सर्वोच्च दायित्व भी आया जो आपने कुशलता से निभाया। वन्दनीय मौसीजी ने अपनी धुरा उनके कंधों पर देने के पश्चात् निरंतर संगठन के कार्य के लिए उन्होंने पूरे भारतवर्ष में भ्रमण किया। 84 वर्ष की आयु तक वह सुदूर जम्मू तक प्रवास करती रही। इस प्रकार अपनी पूर्ण निष्ठा से संघ कार्य करती हुईं । 9 मार्च, 1994 को उन्होंने इस देह का त्याग किया। उन्होंने सभी महिलाओं को शिक्षा दी कि किस तरह गृहस्थी का कार्य करते हुए भी देश सेवा की जा सकती है। इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी आचार्य बंधु एवं आचार्या बहनें उपस्थित रहीं।