आधुनिकता में अपने पारंपरिक शिक्षा का लोप न होने दें : श्री राकेशमणि त्रिपाठी

बलिया। आज से बीस वर्ष पूर्व जिस प्रकार की शिक्षा व्यवस्था थी उसमें काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है और यह ठीक भी है। आधुनिक शिक्षण विधि से भी ज्ञान अर्जित करना चाहिए जिसमे स्मार्ट क्लास, टेक्नोलॉजी का अधिकाधिक उपयोग किया जाता है जहां ना चॉक, ना डस्टर की आवश्यकता हो रही है। पहले की अपेक्षा बच्चों में भी और अधिक एवं नए नए प्रयोग जानने की ललक दिखाई दे रही। किन्तु आधुनिकता में कुछ ऐसा भी हो रहा है जो सर्वथा अनुचित है। उक्त बातें रघुवर प्रसाद जायसवाल सरस्वती विद्या मन्दिर, तेतरी बाजार, सिद्धार्थनगर के प्रधानाचार्य श्री राकेशमणि त्रिपाठी जी ने नागाजी सरस्वती विद्या मन्दिर भोजापुर बैरिया में मंगलवार (7 फरवरी 2023) को कही।
प्रांतीय योजना के अनुसार विद्यालय में निरीक्षण करने आए श्री राकेशमणि त्रिपाठी जी ने कहा कि तकनीक की जानकारी होनी चाहिए किन्तु जहां आवश्यक हो वहीं तक। तकनीक के कारण हमारे अन्दर पढ़ने के लिए जो पर्याप्त समय चाहिए वो हम नही दे पा रहे, परिवार में भी कोई किसी से तकनीक(मोबाईल) को छोड़ कर बात नहीं कर रहा जो समाज के लिए सही नही है। उन्होंने बताया कि अपने देश के यशश्वी प्रधानमंत्री द्वारा भी बच्चों से आग्रह किया गया है कि तकनीक का सही उपयोग होना चाहिए। परिवार के बड़ो को भी देखना चाहिए कि हम और हमारे बच्चें आपस में कितनी बात चीत करने है और अपने बच्चों को कितना समय देते हैं। अध्ययन के लिए अपनी वास्तविक परंपरा का अवलोकन करना क्योंकि वहीं हमारी सही पद्धति है। जहां आवश्यक हो वही तकनीक(मोबाईल) का उपयोग करें।
इस अवसर पर श्री राकेशमणि त्रिपाठी जी के साथ उनके सहयोगी अखण्ड प्रताप जी, विवेक कुमार जी एवं अविनाश कुमार जी वन्दना सभा में उपस्थित रहे। विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ० राजेन्द्र पाण्डेय जी ने आए हुए अथिति बन्धुओं का अङ्गवस्त्रम् एवं स्मृति स्वरूप श्री रामचरित मानस दे कर सम्मानित किया एवं उनका परिचय कराया। विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय जी ने आगन्तुक अतिथियों का आभार व्यक्त किया।