सुलतानपुर : टाॅपर के पिता ने किया स्वाधीनता दिवस पर सरस्वती विद्या मन्दिर में ध्वजारोहण
इस अवसर पर पूर्व चेयरमैन व विद्यालय के अध्यक्ष भोलानाथ अग्रवाल ने कहा कि युवा समाज में कुछ करना चाहते है और अपनी छवि अच्छी बनना चाहते हैं तो उन्हें रामधारी सिंह दिनकर की कविता नरता का आदर्श पढ़ना चाहिए, जिसकी लाइने इस प्रकार है- नरता का आदर्श तपस्या के भीतर पलता है, देता वही प्रकाश, आग में जो अभीत जलता है। आजीवन झेलते दाह का दंश वीर.व्रतधारीए हो पाते तब कहीं अमरता के पद के अधिकारी।
प्रण करना है सहजए कठिन है लेकिनए उसे निभानाए सबसे बड़ी जाँच है व्रत का अन्तिम मोल चुकाना। उन्होंने इस पावन अवसर पर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले प्रधानाचार्य राम सिंह ने अतिथियों का परिचय कराया। छात्र-छात्राओं ने आचार्य ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी के संगीत पर राष्ट्रीय गीत व भाषण प्रस्तुत किये। कार्यक्रम के बाद एक छात्र द्वारा दिये गये चन्द्रन के पौधे को अतिथियों ने विद्यालय परिसर में रोपित किया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक डाॅ. रमाशंकर मिश्र, जिला संघचालक डाॅ. ए.के. सिंह, नगर प्रचारक गौरव जी, कुटुम्ब प्रबोधन प्रमुख शिव नारायण तिवारी, विद्यालय के प्रबन्धक डाॅ. हरदिर्शन राम, कोषाध्यक्ष आलोक आर्य, डाॅ. रमेश ओझा, डाॅ. नीरज सिंह, बब्बन सिंह आदि मौजूद रहे।