प्रसिद्ध कन्नड कवि और साहित्यकार थे दत्तात्रेय रामचंद्र बेंद्रे जी : बांके बिहारी पांडे

जब वे मात्र बारह साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया था। इनके पिता और साथ ही दादा भी संस्कृत साहित्य के विद्वान् व्यक्ति रहे थे। बेंद्रे ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा धारवाड़ में ही अपने चाचा की मदद से प्राप्त की थी। उन्होंने अपनी हाई स्कूल की परीक्षा सन 1913 में पास की। बेंद्रे ने अपने व्यवसायिक जीवन का प्रारम्भ 'विक्टोरिया हाई स्कूल', धारवाड़ से एक अध्यापक के रूप में किया। उन्होंने डी.ए.वी. कॉलेज', शोलापुर में 1944 से 1956 तक एक प्रोफ़ेसर के रूप में भी कार्य किया। इसके बाद वे धारवाड़ में 'ऑल इण्डिया रेडियो' के सलाहकार भी बने।
विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में अनूप कुमार ,सचिन सिंह परिहार ,चंद्रशेखर सिंह, शैलेश सिंह यादव ,अभिषेक शर्मा ,पायल जायसवाल , ओंकार पांडे, संतोष कुमार तिवारी प्रथम, शैलेंद्र कुमार यादव, विद्यासागर गुप्ता, विनोद कुमार, प्रवीण कुमार तिवारी, कुंदन कुमार ,रामचंद्र मौर्य, अभिषेक कुमार शुक्ला ,नागेंद्र कुमार शुक्ला, अजीत प्रताप सिंह, शंकरलाल पटेल, ऋचा गोस्वामी, दीक्षा पांडे ,अर्चना राय, किरन सिंह, जितेंद्र कुमार तिवारी, शिवजी राय ,अनिल उपाध्याय, संतोष कुमार तिवारी द्वितीय, रविंद्र कुमार द्विवेदी ,श्रवण कुमार तिवारी एवं अनुराग कुशवाहा प्रमुख रहे l